ghazal |
کہیں گمان غلط ہے کہیں خیال غلط
نہ پچھلا سال غلط تھا نہ اب کا سال غلط
اسے کہو کہ مرے دوستوں سے مشورہ لے
یہ کون شخص ہے جو چل رہا ہے چال غلط
یہ کیسا رنگ ہے چہرے پہ آج خوشیوں کا
یہ کس نے کی ہے مرے غم کی دیکھ بھال غلط
ہم اس لیے بھی تو اک دوسرے کو کھو بیٹھے
کبھی جواب غلط تھے کبھی سوال غلط
ہمیشہ ہم نے حقائق کو آگے رکھنا ہے
وگرنہ وہم نکالے گا پھر سے فال غلط
وہ اس طرح مرے اعصاب پر ہوا طاری
میں ٹھیک ٹھاک بھی ڈالوں تو ہو دھمال غلط
یہ کون عقل سے پیدل ہے خواب دیکھتا ہے
اور اس نگر میں جہاں وقت کی ہے چال غلط
محمد مبشر میو
कहीं अनुमान गलत है, कहीं विचार गलत है
पिछला साल गलत नहीं था, न ही यह साल गलत है
अगर वह अब कनेक्शन में अवशोषित नहीं होता है, तो उससे अच्छे से पूछें
यह आदमी कौन गलत कर रहा है?
आज चेहरे पर खुशी का क्या रंग
यह किसने किया? मरे का दुःख गलत है
इसलिए हमने एक-दूसरे को खो दिया
कभी-कभी उत्तर गलत होते थे, कभी-कभी प्रश्न गलत होते थे
हमें हमेशा तथ्यों को पहले रखना होगा
अन्यथा भ्रम फिर से बाहर आ जाएगा
यही कारण है कि वह अपने मृत नसों पर चढ़ गया
यहां तक कि अगर मैंने इसे सही रखा है, तो शोर गलत है
वह जो बुद्धि के सपनों के साथ चलता है
और इस शहर में जहाँ समय सही है, चाल गलत है
मुहम्मद मुबाशिर मेयो
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